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रामनवमी 2020

चैत्र मास के शुल्क पक्ष के नवमी के दिन राम नवमी होती है। पुराणों के अनुसार भगवान् श्री राम का जन्म आज के ही दिन हुआ था। त्रेता युग में भगवान् श्री राम का जन्म हुआ था। जिन्होंने असुरों का नाश किया था। भगवान् श्री विष्णु का यह सातवा अवतार माना जाता है।
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी राम नवमी कहलाती है।
भगवान श्री राम का जन्म जगत कलयाण हेतु हुआ था। मर्यदा पुरुषोतम श्री राम में त्रेता युग में रावण का वध करके धर्म को पुनः स्थापित किया था। चैत्र नवरात्री का यह अंतिम दिन होता है भगवान् श्री राम के जन्म का उद्देश्य
त्रेता युग में भगवान् श्री राम का जन्म हुआ और उनका उद्देशय एक कल्याणकारी समाज, को स्थापित करना था। वह पुरुषों में सर्वश्रेष्ठ कहलाए अर्थार्थ पुरुषोतम कहलाए। उन्होंने असुरों का नाश किया। धर्म पर जीत पाई और समाज को यही सन्देश दिया की यदि अधर्म कितना ही बड़ा और बलवान क्यों न हो पर जीत सदैव सत्य और अच्छाई की ही होती हैं।
आज के दिन भगवान् श्री राम का व्रत किया जाता है। माता सीता और श्री राम जी की प्रतिमा राखी जाती है। सुबह नहाधोकर साफ़ वस्त्र पहनकर यह व्रत किया जाता है। कई घरो में आज के दिन रामचरित्र मानस का पाठ किया जाता है। कई मंदिरों में रामायण का भी पाठ होता है। भगवान् श्री राम को झूला झुलाया जाता है।

राम नवमी की पूजा विधि कुछ इस प्रकार है:

1. सबसे पहले स्नान करके पवित्र होकर पूजा स्थल पर पूजन सामग्री के साथ बैठें।
2. पूजा में तुलसी पत्ता और कमल का फूल अवश्य होना चाहिए।
3. उसके बाद श्रीराम नवमी की पूजा षोडशोपचार करें।
4. खीर और फल-मूल को प्रसाद के रूप में तैयार करें।
5. पूजा के बाद घर की सबसे छोटी महिला सभी लोगों के माथे पर तिलक लगाए।

राम नवमी तिथि
राम नवमी 2020 की तिथि – 2 अप्रैल, गुरूवार

राम नवमी का समय
राम नवमी 2020 – दोपहर 3 बजकर 42 मिनट से ( 2 अप्रैल 2020)

राम नवमी का समाप्ति समय
दोपहर 2 बजकर 45 मिनट तक( 3 अप्रैल 2020)

राम नवमी का शुभ पूजा मुहूर्त
राम नवमी 2020 मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 13 मिनट से 1 बजकर 40 मिनट तक ,3 अप्रैल 2020

रामनवमी ध्वजारोहण
ध्वजारोहण का समय – दोपहर 3 बजकर 42 मिनट से ( 2 अप्रैल 2020) से दोपहर 2 बजकर 45 मिनट तक( 3 अप्रैल 2020)..

रामनवमी पर हर साल निकलने वाली शोभायात्रा इस बार अर्थात आज 2 अप्रैल को नहीं निकलेगी। पटना जंक्शन स्थित हनुमान मंदिर और बाकी सभी मंदिरों में पुजारी मंदिर की ध्वजा को बदल कर पूजा-अर्चना करेंगे। इस बार करोना बीमारी के कारण सभी मंदिरों पर असर पड़ा है।

आज के दिन राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करना काफी लाभकारी माना गया है

श्रीरामरक्षा स्‍त्रोत का महत्‍व
– सभी तरह की विपत्तियों से रक्षा करता है.
– इसका पाठ करने से मनुष्य भय रहित हो जाता है.
– इसके नित्य पाठ से कष्ट दूर होते हैं.
– जो इसका पाठ करता है वह दीर्घायु, सुखी, संततिवान, विजयी तथा विनयसंपन्न होता है.

रामनवमी के बाद से ग्रहों की स्थिति में परिवर्तन अर्थात बुद्ध की जो राशि परिवर्तन मीन राशि में होगी उसके बाद मेष राशि में अर्थात हम अनुमान करें कि अप्रैल अंत से स्थितियां सुधनी शुरू हो जाएगी और हम कोरोना जैसी बीमारियों से अप्रैल के अंत तक निजात पा सकेंगे।

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